LIC Bima Sakhi Yojana आज के समय में महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। शिक्षा, व्यवसाय, राजनीति या सामाजिक क्षेत्र—हर जगह महिलाएं अपनी मेहनत और लगन से नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने एक खास योजना शुरू की है, जिसका नाम है एलआईसी बीमा सखी योजना (LIC Bima Sakhi Yojana)। इस योजना का उद्देश्य है—महिलाओं को रोजगार, सम्मान और आत्मनिर्भरता का अवसर प्रदान करना।
महिलाओं को रोजगार और सम्मान दोनों
एलआईसी की बीमा सखी योजना विशेष रूप से ग्रामीण और छोटे कस्बों की महिलाओं के लिए बनाई गई है। अक्सर देखा गया है कि इन क्षेत्रों की महिलाएं प्रतिभाशाली होने के बावजूद अवसरों की कमी के कारण अपनी क्षमता नहीं दिखा पातीं। इस योजना के माध्यम से महिलाएं एलआईसी की एजेंट के रूप में काम कर सकती हैं और घर बैठे आय अर्जित कर सकती हैं।
इस योजना में शामिल होने के लिए महिलाओं को किसी बड़ी डिग्री की आवश्यकता नहीं है। केवल 10वीं पास होना पर्याप्त है। 18 वर्ष से लेकर 70 वर्ष तक की कोई भी महिला इस योजना का हिस्सा बन सकती है।
तीन साल तक प्रशिक्षण और वजीफा
एलआईसी बीमा सखी योजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें महिलाओं को केवल काम का मौका ही नहीं दिया जाता, बल्कि उन्हें काम करने से पहले प्रशिक्षण (Training) भी दिया जाता है। प्रशिक्षण अवधि के दौरान महिलाओं को वजीफा (Stipend) के रूप में आर्थिक सहायता भी दी जाती है—
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पहले साल ₹7,000 प्रति माह
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दूसरे साल ₹6,000 प्रति माह
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तीसरे साल ₹5,000 प्रति माह
इस प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को बीमा से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी दी जाती है, ताकि वे अपने क्षेत्र की अन्य महिलाओं को भी बीमा के महत्व के बारे में जागरूक कर सकें।
आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम
बीमा सखी योजना का असली मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। जो महिलाएं पहले केवल घरेलू कार्यों में व्यस्त रहती थीं, वे अब अपने गांव की “बीमा सखी” बनकर न केवल परिवार बल्कि समाज में भी नई पहचान बना रही हैं।
प्रशिक्षण पूरा होने के बाद महिलाएं एलआईसी की आधिकारिक एजेंट बन जाती हैं। इसके बाद वे हर पॉलिसी बेचने पर कमीशन कमाती हैं। यानी जितनी ज्यादा पॉलिसियां वे बेचेंगी, उतनी ज्यादा उनकी आमदनी बढ़ेगी।
देशभर में लाखों महिलाएं जुड़ीं इस योजना से
एलआईसी की इस योजना से अब तक देशभर में 2 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ चुकी हैं। सरकार ने इसके लिए लगभग ₹520 करोड़ का बजट भी तय किया है। इस योजना ने छोटे-छोटे गांवों की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है। अब वे अपने पैरों पर खड़ी हैं और दूसरों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं।
परिवार और समाज दोनों को मिला सहारा
यह योजना सिर्फ रोजगार देने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज की आर्थिक मजबूती की दिशा में भी अहम कदम है। जब महिलाएं घर की आय में हाथ बंटाती हैं, तो पूरा परिवार आर्थिक रूप से सशक्त बनता है। इससे परिवार का आत्मविश्वास बढ़ता है और समाज में महिलाओं की भूमिका और मजबूत होती है।
एलआईसी बीमा सखी योजना महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण का प्रतीक बन गई है। इस योजना ने उन महिलाओं के जीवन में नई रोशनी लाई है, जिन्हें कभी अवसर नहीं मिला था। अब वे न केवल खुद कमाई कर रही हैं, बल्कि अपने गांव की दूसरी महिलाओं को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रही हैं।
यह योजना वास्तव में “एक महिला सशक्त तो पूरा परिवार सशक्त” की सोच को साकार करती है। एलआईसी का यह कदम देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा और सराहनीय प्रयास है