दिवाली से पहले सरकार का बड़ा तोहफा बढ़ाई मजदूरों की पगार Minimum Wages Hike

Minimum Wages Hike  दिवाली से पहले देशभर के मजदूरों और श्रमिकों के लिए खुशखबरी सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह निर्णय राज्य के श्रम विभाग द्वारा न्यूनतम मजदूरी अधिनियम 1948 की धारा 74 के तहत लिया गया है। सरकार के इस फैसले से लाखों मजदूरों को आर्थिक राहत मिलेगी। नई मजदूरी दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू होकर 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेंगी।

दिवाली से पहले मिली राहत

सरकार द्वारा मजदूरों को त्योहारी सीजन से ठीक पहले यह तोहफा दिया गया है। नए आदेश के अनुसार, अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल श्रमिकों के लिए अलग-अलग श्रेणियों में न्यूनतम दैनिक मजदूरी दरें बढ़ाई गई हैं। श्रमिकों की दैनिक मजदूरी में लगभग ₹90 से ₹110 रुपये तक की वृद्धि की गई है, जिससे उनकी मासिक आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी।

1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगी नई दरें

नई न्यूनतम मजदूरी दरें 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होंगी और यह 31 मार्च 2026 तक लागू रहेंगी। यह वृद्धि उन सभी श्रमिकों पर लागू होगी जो फैक्ट्री, दुकान, प्रतिष्ठान या सरकारी कार्यों में कार्यरत हैं। श्रमिकों को अब अपने कार्य के प्रकार और क्षेत्र के अनुसार नई मजदूरी दरें दी जाएंगी।

किस आधार पर तय की गई नई मजदूरी

सरकार ने मजदूरी दरें निर्धारित करने के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) और पिछले वर्षों के महंगाई दर के आंकड़ों को ध्यान में रखा है। इसके अनुसार, श्रमिकों की जीवन-यापन लागत में आई बढ़ोतरी के हिसाब से मजदूरी बढ़ाई गई है।

ठेकेदारों और संस्थानों के लिए सख्त नियम

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि जो भी संस्थान या ठेकेदार नई मजदूरी दरों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्रम विभाग नियमित रूप से निरीक्षण करेगा ताकि मजदूरों को उनके हक की मजदूरी समय पर मिल सके।

नई मजदूरी दरें — कितनी बढ़ी कमाई

नई दरों के अनुसार अकुशल श्रमिकों की दैनिक मजदूरी अब ₹423.88 से बढ़ाकर ₹466.26 रुपये कर दी गई है। इसी प्रकार अर्ध-कुशल मजदूरों की मजदूरी ₹11,021 मासिक से बढ़ाकर ₹12,123 मासिक की गई है। वहीं कुशल मजदूरों की मासिक मजदूरी अब ₹13,580 रुपये तक हो जाएगी।

ईंट भट्टा मजदूरों के लिए अलग दरें

ईंट भट्टों में कार्यरत मजदूरों के लिए भी सरकार ने अलग दरें तय की हैं। अब 700 ईंट तैयार करने पर मजदूरों को ₹211.81 रुपये दिए जाएंगे, जबकि 500 ईंट ढोने वालों को ₹253.42 रुपये का भुगतान किया जाएगा। यह बदलाव मजदूरों के मेहनताना में बड़ी बढ़ोतरी लाएगा।

सरकार का उद्देश्य

राज्य सरकार का कहना है कि मजदूरों की मेहनत का सही मूल्य देना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना इस फैसले का मुख्य उद्देश्य है। बढ़ी हुई मजदूरी से न केवल श्रमिकों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा बल्कि उनके जीवन स्तर में भी उन्नति आएगी।

दिवाली से पहले सरकार का यह फैसला श्रमिक वर्ग के लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं है। नई मजदूरी दरों से लाखों मजदूरों को राहत मिलेगी और उनके परिवारों में खुशहाली आएगी। अब मजदूरों को अपने काम का उचित मेहनताना मिलेगा जिससे वे त्योहारों का आनंद और बेहतर तरीके से ले सकेंगे

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